Cricket Rules in Hindi | क्रिकेट के नियम 

Cricket Rules in Hindi: पूरे विश्व मे क्रिकेट फुटबॉल के बाद सबसे ज्यादा पसंद किए जाना वाला खेल है। लेकिन इस खेल के नियमों में कई ऐसे पहलू और नियम हैं जो आमतौर पर बड़े से बड़े क्रिकेट प्रेमियों को भी पता नहीं होते हैं। यहां हम क्रिकेट के कुछ ऐसे अनजाने नियमों के बारे में चर्चा करेंगे जो क्रिकेट खेल को देखने मे ओर भी रोमांच पैदा कर देगा और आपके क्रिकेट ज्ञान को विस्तार देंगे। 

क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो अपने नियमों और जटिलताओं के लिए जाना जाता है। हालांकि अधिकांश लोग इस खेल के बुनियादी नियमों को जानते हैं, कई अज्ञात और दिलचस्प नियम हैं जिन्हें आमतौर पर लोग नहीं जानते। इस लेख में हम कुछ ऐसे ही अज्ञात क्रिकेट नियमों पर चर्चा करेंगे।  

Cricket Rules in Hindi | क्रिकेट के नियम 

1. लेंथ ऑफ पिच और गेंद की सीमा 

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क्रिकेट की पिच 22 गज की होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गेंद को 22 गज से बाहर की सीमा पर फेंकने के लिए विशेष नियम हैं? यदि गेंदबाज गेंद को पिच से 22 गज की दूरी से अधिक या कम फेंकता है, तो इसे ‘नो बॉल’ के रूप में माना जा सकता है, जिससे बल्लेबाजी टीम को को एक अतिरिक्त रन मिलता है, बल्लेबाज को अगली गेंद फ्री हिट यानि की उस गेंद पर बल्लेबाज रनआउट के अलावा कोई ओर तरीके से आउट नहीं दिया जाएगा और गेंदबाज को दंडित किया जाता है। 

2. वाइड बॉल और नो बॉल 

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जब गेंद फेंकी जाती है, अगर यह बल्लेबाज की सुविधा से और पिच पर दोनों तरफ बनी सफेद लाइन से बाहर जाती है तो इसे ‘वाइड बॉल’ कहा जाता है लेकिन यह आवश्यक है की गेंद बल्ले पर बारीक सी भी न लगी हो। लेकिन इसमे यह भी देखना होता है की बल्लेबाज बाहर की हुई गेंद को खेलने के लिए कितना बाहर आता है। अगर बल्लेबाज इतना बाहर निकल जाता है की जिससे उस गेंद को आसानी से खेल सके तो गेंद बल्ले पर न लगने के बावजूद इसे वाइड बॉल नहीं दी जाएगी।  इसके अलावा, यदि गेंद बल्लेबाज के सिर के ऊपर से जाती है, तो इसे भी वाइड बॉल के रूप में गिना जाता है। इन दोनों ही स्थितियों में अंपायर अतिरिक्त रन देते हैं। 

3. कैच का नियम 

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क्रिकेट में कैच का नियम बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैच को मान्यता देने के लिए गेंद का जमीन के साथ बारीक सा भी संबंध नहीं होना चाहिए। यदि गेंद बारीक सी भी जमीन को छू लेती है, तो इसे मान्यता प्राप्त नहीं होती है। इसके अलावा, कैच की स्थिति में बल्लेबाज के बेट न लगकर बल्लेबाज के हाथ की कलाई तक भी अगर गेंद लगी हो और कैच पकड़ा जाए तो भी बल्लेबाज आउट करार दिया जाएगा। इसके अलावा आज के समय मे कुछ इस तरह के भी कैच पकड़े जाते है की देखकर यकीन न हो। जैसे की बाउन्ड्री लाइन पर लहड़ फील्डर अपनी ओर आ रहे और अपने ऊपर से बॉउन्ड्री पार जा रहे कैच को छलांग लगाकर खुद बाउन्ड्री के पार चला जाता है लेकिन गेंद को अंदर फेक देता है या फिर अपने पास खड़े दूसरे फील्डर के पास फेंक देता है या फिर की बार खुद उठकर वही कैच दोबारा पकड़ता है, इस तरह एक छक्के को कैच मे तपदिल करता है और इस तरह के कैच को पूरा ध्यान से देखने के बाद अम्पायर फैसला लेते है।   

4. डेड बॉल का नियम 

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डेड बॉल वह गेंद होती है जिसे खेल में मान्यता नहीं मिलती। यह तब होता है जब गेंद मूल रूप से खेलने लायक नहीं होती, जैसे कि गेंदबाज ने गलती से पिच के बाहर या फिर दो टप्पे के साथ  फेंकी ह। डेड बॉल होने पर बल्लेबाज को कोई रन नहीं मिलते और गेंदबाज को एक अतिरिक्त गेंद फेंकनी होती है। 

5. रन आउट के अद्वितीय नियम 

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रन आउट की स्थिति में, केवल तभी बल्लेबाज को आउट माना जाता है जब बल्लेबाज रन भागते समय पिच की सफेद लाइन से बाहर हो और उस समय फील्डर द्वारा सीधे ही गेंद स्टंप्स पर लगे या विकेटकीपर के दस्ताने से स्टंप्स पर लगे। कई बार ऐसा भी होता है की स्टंप्स की बेइल्स कोई कारण के चलते पहले से ही गिरी हुई हो और अगर तब बल्लेबाज रन भाग रहा है तो ऐसे मे रन और करने वाले खिलाड़ी को बॉल अपने हाथ मे रखकर एक स्टम्प पूरा निकाल लेना होता है, तो ही बल्लेबाज रन आउट दिया जा सकता है। इसके अलावा एक और खास चीज रन आउट के नियम को रोमांचक बनाती है वोह ये की अगर बल्लेबाज के रन पूरे करते समय या फिर छलांग लगते समय उसका बल्ला हवा मे है तो वह रन आउट करार दिया जाएगा फिर चाहे बल्ला कितना ही अंदर क्यू न हो।  

6. फील्डिंग पॉजिशन्स के नियम 

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क्रिकेट मे फील्डिंग पॉजिशन्स का महत्व काफी है क्यूंकी बल्लेबाज का आउट होना या न होना इसी चीज पर आधार रखता है। फील्डिंग टीम के लिए फील्डिंग पॉजिशन्स पर काफी मर्यादाए होती है और यह खेल अलग अलग समय पर अलग अलग होती है। खेल के कुछ समय यह मर्यादाए बल्लेबाजी टीम के अनुरूप और कुछ समय फील्डिंग टीम के अनुरूप होती है। अगर नियमों के हिसाब से फील्डिंग सेट न हो और अंपायर को पता चलता है तो उस समय डाली गई गेंद नो बॉल भी दी जा सकती है। फील्डिंग पॉजिशन को लेकर एक और रोमांचक नियम है, वह ये की अगर फील्डर खेले जाने वाली पिच के आसपास फील्डिंग कर रहा हो तो यह जरूरी है की उसकी परछाई पिच पर न पड़े। इसके चलते भी अंपायर नो बॉल दे सकता है।  

7. सुपर ओवर नियम 

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जब कोई T20 या फिर एकदिवसीय मैच टाई हो जाता है यानि की मैच के आखिर तक दोनों टीमों ले स्कोर एकसमान हो जाता है, तो एक ‘सुपर ओवर’ का नियम लागू होता है। सुपर ओवर में, प्रत्येक टीम को एक-एक ओवर खेलना होता है और जो टीम सबसे अधिक रन बनाती है, वही जीतती है। यदि सुपर ओवर भी टाई हो जाता है, तो एक ओर सुपर ओवर खेला जाता है और मान लो दूसरा सुपर ओवर भी टाई हो जाता है तो फिर अधिक बाउंड्री या छक्के लगाने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाता है। इस नियम का श्रेष्ठ उदाहरण 2019 के एकदिवसीय विश्वकप का फाइनल मैच है, जिसमे न्यू जिलेंड और इंग्लैंड आमने सामने थी और दो टाई सुपर ओवर और इंग्लैंड की सबसे ज्यादा बाउंड्री के चलते इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया था।  यह नियम 2009 में आईसीसी द्वारा लागू किया गया था। 

8. विकेटकीपिंग 

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अगर कोई बल्लेबाज विकेटकीपिंग कर रहा हो और वह बल्लेबाज के बल्ले और गेंद के बारीक किनारे के बाद कैच पकड़ता है, तो भी उसे आउट माना जा सकता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब विकेटकीपर बल्लेबाज के विकेट के पास होता है और वह कैच पकड़ता है। क्रिकेट के नियमों के अनुसार, यह आउट का एक मान्यता प्राप्त तरीका है और इसके लिए अलग से नियम बनाए गए हैं। जिसके अंतर्गत एक यह भी मर्यादा है की विकेटकीपर जब यह कैच पकड़े तब उसका हाथ स्टंप्स के पीछे होना आवश्यक है अगर कैच पकड़ते समय हाथ स्टंप्स के आगे पाए गए तो यह नोट आउट दिया जाएगा। विकेटकीपर एक ओर तरीके से भी बल्लेबाज को आउट कर सकता है। जब बल्लेबाज गेंद खेलने के लिए क्रीज़ यानि की सफेद लाइन से आगे निकल जाता है और गेंद बल्ले पर न लगकर विकेटकीपर के हाथ मे चली जाती है तो वह रनआउट के माफिक गेंद को स्टंप्स पर लगाकर बल्लेबाज को आउट कर सकता है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है की यह रन आउट नहीं बल्कि स्टम्पींग मानी जाएगी और यह विकेट गेंद डालने वाले गेंदबाज के खाते मे जाएगी।  

9. साइड स्क्रीन का महत्व 

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खेल के दौरान बल्लेबाज को ध्यान केंद्रित करने में मदद करने के लिए, साइड स्क्रीन का उपयोग किया जाता है। अगर गेंदबाज गेंद फेंकते समय साइड स्क्रीन की दिशा में कोई विचलन होता है, तो इसे ‘डेड बॉल’ के रूप में माना जाता है। लेकिन इसमे अगर बल्लेबाज को कोई विचलन दिखता है तो उसे गेंदबाज के गेंद डालने या फिर समझो की गेंद हाथ से निकले से पहले बताना होता है, तभी अंपायर इसे डेड बॉल करार देंगे। अगर सही समय पर बल्लेबाज इशारा नहीं करता तो वहा विचलन होने के बावजूद भी अंपायर डेड बॉल करार नहीं देंगे।  स्क्रीन का उपयोग बल्लेबाज की सहायता के लिए किया जाता है ताकि वह गेंद को सही ढंग से देख सके और खेल सके। 

10. अनफेयर प्ले का नियम 

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क्रिकेट में यदि कोई टीम जानबूझकर खेल को प्रभावित करने का प्रयास करती है, जैसे कि धीमी गति से खेलना, बिना कारण के समय बर्बाद करना, या अनावश्यक बहस करना, तो इसे ‘अनफेयर प्ले’ के तहत दंडित किया जाता है। इसे रेफरी या अंपायर द्वारा देखा जाता है और इसके लिए टीम को दंडित किया जा सकता है, जैसे कि अतिरिक्त रन देना या विरोधी टीम को फायदा देना। इसी नियम के तहत अगर समय मर्यादा अंदर फील्डिंग टीम द्वारा गेंदबाजी नहीं हो रही तो आखिर के ओवरों मे जो ओवर समय पार कर चुके है उस ओवरों मे फील्डिंग टीम को पेनल्टी के चलते अपना एक फील्डर बाउंड्री से हटाकर 30 यार्ड के दायरे के अंदर रखना पड़ता है और इस वजह से बल्लेबाजी टीम को फायदा मिलता है।  

11. टाइम-आउट 

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एक खास स्थिति में, अगर कोई बल्लेबाज अपनी बल्लेबाजी आने पर निर्धारित समय पर बल्लेबाजी करने पिच तक नहीं पहुचता तो अंपायर बल्लेबाज को ‘डिस्मिस’ कर सकते हैं। इस नियम को ‘टाइम-आउट’ कहा जाता है और यह खेल के नियमों के तहत आता है। इस नियम के तहत निर्धारित समय 3 मिनट का है। मतलब की कोई बल्लेबाज आउट होता है तब से लेकर 3 मिनट तक अगर अगला बल्लेबाज पिच तक नहीं पहुचता तो इस परिस्थिति मे अंपायर उस बल्लेबाज को आउट करार दे सकते है और यह बल्लेबाज टाइम आउट घोषित होगा। पर इस नियम दिलचस्प चीज यह है की इस तरह से आउट देने मे अपील आवश्यक होती है यानि फील्डिंग टीम को अंपायर से अपील करनी होगी की बलेनबाज़ देर से आया है और उसे आउट देना चाहिए। ज्यादातर अंपायर विशेष रूप से इस चीज पर ध्यान नहीं देते।  

12. खिलाड़ियों की अनुशासनहीनता 

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यदि कोई खिलाड़ी खेल के दौरान अंपायर या अन्य खिलाड़ियों के साथ अनुशासनहीनता करता है, जैसे कि गालियाँ देना या अपशब्दों का उपयोग करना, तो अंपायर उसे मैदान से बाहर कर सकते हैं, और अगर बात ज्यादा गंभीर हो तो खिलाड़ी को कुछ मेचों के खेलने पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा टीम को दंडित भी किया जा सकता है, जैसे कि अतिरिक्त रन देना या विरोधी टीम को पेनल्टी मिलना। 

निष्कर्ष 

क्रिकेट के ये अज्ञात नियम न केवल खेल को दिलचस्प बनाते हैं, बल्कि खिलाड़ियों और अंपायर के लिए भी एक चुनौती पेश करते हैं। क्रिकेट के इन नियमों को समझकर आप खेल का आनंद और भी बेहतर तरीके से ले सकते हैं और साथ ही अपने खेल ज्ञान को भी बढ़ा सकते हैं। ऐसे ही क्रिकेट से जुड़ी जानकारी और रोचक तथ्यों के लिए जुड़े रहिए Cricstay के साथ। धन्यवाद।  

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