BCCI has Become So Rich! 

BCCI Story of Becoming a Richest Cricket Board

BCCI यानि Board of Control for Cricket in India विश्व के दूसरे सभी क्रिकेट बोर्ड के मुकाबले काफी ज्यादा अमीर है। इसके पीछे का कारण क्या है ये आप सभी जानना चाहेंगे। आज हम आपको इन्ही सभी कारणों से रूबरू कराएंगे। 

कोई भी देश के अंदर जो कोई खेल खेले जाते है उनमे उस देश की सरकार का कोई रोल या अधिकार नहीं होता। सरकार उस खेल को लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर, आर्थिक मदद वगेरा कर सकती है लेकिन चयन कमिटी, मनेजमेंट वगेरा सरकार नहीं देख सकती। इसमे सरकार शामिल नहीं होती क्युकी ऐसा भी हो सकता है की कुछ चुनिंदा राजकीय पार्टी के लोगों को ही प्राथमिकता दी जाए। ICC जो की आज International Cricket Council के नाम से जानी जाता है, ये पेहले Imperial Cricket Conference के नाम से जाना जाता था। सिर्फ नाम अलग था काम वही, अलग अलग अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीमों के बीच मेचीस करवाना  ही था। लेकिन उस वख्त पर भारत की ओर से कोई एक टीम नहीं थी, भारत मे ही अलग अलग ग्रुप क्रिकेट खेला  करते थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की तब कोई एक टीम नहीं थी।

सन् 1926 मे कोलकाता मे कलकत्ता क्रिकेट क्लब के नाम से एक क्लब था, इस क्लब ने लंदन जाकर ICC से मीटिंग की, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए और कई मीटिंग के बाद जाकर सन् 1928 ही वह साल था जब BCCI का गठन हुआ। फिर ICC ने BCCI को मान्यता दी की आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकते है। तब से लेकर आज तक BCCI भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व कर रहा है। BCCI को तब एक चेरीटेबल ट्रस्ट के तौर पर बनाया गया था और आज भी वह वैसे ही काम कर रहा है। अगर आज भारत सरकार खुद एक भारतीय क्रिकेट टीम बनाकर खेलने भेजेगी तो वे ऐसा नहीं कर सकती क्युकी BCCI ही भारतीय क्रिकेट का प्रतिनिधित्व कर रहा है। वैसे ही ICC को कोई एक देश नहीं संभालता बल्कि ICC की एक समिति है जिसका काम अलग अलग देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय मेचीस करवाना, उन मेचीस मे सभी नियमों का सही से पालन हो रहा है की नहीं उसका ध्यान रखना, उन मेचीस मे मैच रेफरी, अम्पायर्स भेजना वगेरा। ICC क्रिकेट के कोई नियमों को भी नहीं बनाती, क्रिकेट के नियमों को बनाने का या फिर उसमे कोई सुधार करने का काम MCC यानि Marylebone Cricket Club का है। सरल भाषा मे आप यह भी कह सकते है की MCC जो है वोह क्रिकेट का मालिक है और उसने ICC को इस खेल पर निगरानी करने के लिए रखा हुआ है। 

ICC के फिलहाल 108 सदस्य देश है जो की क्रिकेट खेल रहे है। लेकिन ICC के फूल मेम्बर सिर्फ 12 देश ही है। फूल मेम्बर यानि ऐसे देश जिसको टेस्ट प्लेइंग नेशन्स बोला जाता है जो अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मेचीस खेलते है। अगर किसी भी सदस्य देश को ODI का स्टेटस चाहिए तो उन्हे कीसी 2 टेस्ट प्लेइंग नेशन्स को हराना होगा। अगर TEST का स्टेटस चाहीये हो 5 टेस्ट प्लेइंग नेशन्स को हराना होगा। यह मानदंड समय समय पर बदलते रहते है। ऐसे तो इन टीमों को इन टेस्ट प्लेइंग नेशन्स के साथ खेलने का मौका नहीं मिलता पर विश्वकप मे उन्हे यह मौका मिलता है। लेकिन विश्वकप मे खेलने के लिए भी उस टीम को Qualify Round से गुजरना पड़ता है। कुल मिलाकर कोई भी टीम जब तक एक अच्छा क्रिकेट खेलने वाली टीम नहीं बन जाती तब तक उसे उन बड़ी टीमों से खेलना का मौका नहीं मिलता। 

कोई भी देश दो तरह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलता है। एक होता है बाइलाट्रल मेचीस और दूसरा ICC टूर्नामेंट्स। ICC का एक FTP यानि Future Tour Programme होता है, जिसमे ICC आनेवाले 10 सालों के लिए उनके फूल मेम्बर यानि टेस्ट प्लेइंग नेशन्स के मेचीस का टाइमटेबल जारी करती है। इनमे से जो बाइलाट्रल शृंखला होती है उसमे ICC का कोई खास रोल नहीं होता है, ICC सिर्फ अम्पायर्स, मैच रेफरी वगेरा भेज देती है। बाकी सब वे दो देश ही देखते है और उस शृंखला की कमाई भी वे दो देश के क्रिकेट बोर्ड ही आपस मे बाँट लेते है। ICC की कमाई सिर्फ तब होती है जब कोई ICC टूर्नामेंट हो रहा होता है, जैसे की ODI विश्वकप, T20 विश्वकप और World Test Championship. विश्वकप या फिर कोई ICC टूर्नामेंट जिस भी देश मे हो रही होती ही, वो देश का क्रिकेट बोर्ड और ICC उस टूर्नामेंट की कमाई आपस मे बाँट लेते है। ICC भी यह कमाई अपने पास नहीं रखता  वो भी यह कमाई इस टूर्नामेंट मे हिस्सा लेनेवाली सभी टीमों के क्रिकेट बोर्ड मे बाँट देता है। 

ICC की नेट वर्थ है $2.5 Billion और BCCI की नेट वर्थ है $2.25 Billion. कुछ क्रिकेट बोर्ड काफी अमीर है और कुछ की हालत काफी बुरी। जब भी कोई टूर्नामेंट या फिर कोई मैच होता है तो उसमे काफी खर्च होता है, जैसे की स्टेडियम फी, विजेता टीम की राशि, टीमों के खर्चे, अम्पायर्स और कमेंटेटर्स की फीस वगेरा। लेकिन एक मैच करवाने वाला इन खर्चों से कई ज्यादा राशि उस मैच के जरिए कमा लेता है। जब कोई एक मैच होता है तो उसे लाखों लोग देखते है। इन मेचीस के प्रसारण अधिकार होते है। अगर भारत मे मेचीस हो रहे है तो यह प्रसारण अधिकार BCCI से लेने होंगे और अगर भारत के बाहर हो रहे होंगे तो जिस देश मे हो रहे होंगे उस देश के क्रिकेट बोर्ड से अधिकार लेने होंगे। इस प्रसारण अधिकार को पाने के लिए एक तरह की नीलामी होती है जहा पर प्रसारण कंपनियां बोलिया लगाती है इस अधिकार को पाने के लिए। पर यह कंपनियां क्यू यह अधिकार को पाने मे इतनी दिलचस्पी दिखाती है। आप यह तो जानते ही होंगे की भारत मे क्रिकेट को देखनेवालों की संख्या करोड़ों मे है। जब इतनी बड़ी संख्या मे लोग आपके प्रसारण को देखेंगे तो आपके पास उतने दर्शक है यह आप मान सकते है। जीतने ज्यादा आपके पास दर्शकों की संख्या होगी उतने ही ज्यादा आपको विज्ञापन मिलेंगे। प्रसारण अधिकार खरीदने की राशि के सामने विज्ञापन के जरिए आनेवाली जो कमाई होगी वो उस प्रसारण कंपनी के लिए बहुत ज्यादा होगी। 

BCCI भी यही फॉर्मूला इस्तेमाल करती है मैच करते समय। कोई भी क्रिकेट शृंखला हो रही होती है तो उसके आगे भी कोई एक कंपनी का नाम होता है जिसे हम टाइटल स्पॉन्सरशिप कहते है। BCCI की कमाई का सबसे बड़ा साधन IPL का भी टाइटल स्पॉन्सर होता है। इन शृंखला या फिर IPL मे खेल रही टीमों की जर्सी पर भी  कई कंपनियों के नाम और लोगों लगे हुए होते है, यहा तक बाउंडरी लाइन पर जो रोप होती है उसमे भी कंपनियों के विज्ञापन होते है। इन सभी विज्ञापनों के लिए एक तरह की नीलामी प्रक्रिया होती है। जो ज्यादा पैसा देगा उसका विज्ञापन होगा। 

पूरे विश्व मे मेचीस मे खर्चे भी इसी तरीके से होते है और कमाई भी इसी तरीके से। लेकिन BCCI को ज्यादा फायदा मिलता है भारत के करोड़ों दर्शकों का और IPL का। BCCI की लगभग आधी कमाई सिर्फ IPL से होती है। 2023 से लेकर 2027 तक के सिर्फ IPL के प्रसारण अधिकार  Rs.48,390 करोड़ ($6.2 billion) मे बिके है। कई देशों का तो इतना साल का बजेट नहीं होता। ICC की अंतरराष्ट्रीय मेचीस से जो कमाई होती है वो सभी क्रिकेट बोर्ड मे बाँट देता  है लेकिन BCCI, ECB और Australian Cricket Board को दूसरे क्रिकेट बोर्ड के मुकाबले ज्यादा हिस्सा मिलता है क्युकी माना जाता है की इन देशों मे क्रिकेट सबसे ज्यादा देखा जाता है। IPL को लेकर ICC FTP मे भी एक खास जगह है यानि की अगर आपने ध्यान दिया हो तो जब IPL चल रही होती है तब कोई खास अंतरराष्ट्रीय शृंखला ना के बराबर होती है। इस समय दूसरे देशों के बड़े बड़े खिलाड़ी भी IPL खेल रहे होते है। भारत मे लगभग 70 करोड़ लोग क्रिकेट देखते है जो की काफी बड़ा आंकड़ा है, और इसी वजह से विश्व की कुल क्रिकेट कमाई मे से 80% कमाई सिर्फ भारत से आती है। 

जब कोई मैच मे भारतीय क्रिकेट टीम खेल रही होती है तो उस मैच को देखनेवाले दर्शकों की संख्या करोड़ों मे होती है। यही वजह है की जब कोई क्रिकेट बोर्ड आर्थिक संकट से गुजर रहा होता है तो उसका मैच भारत के साथ करवा दिया जाता है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मे सुधार हो जाता है। कोई टूर्नामेंट चल रहा हो और अगर उस टूर्नामेंट से भारतीय टीम बाहर हो जाती है तो इसका बहुत बड़ा असर इस टूर्नामेंट की कमाई पर पड़ता है क्युकी दर्शकों की संख्या बहुत तेजी से गिर जाती है। इसी वजह से जब 2011 मे भारत विश्वकप जीता था तो ICC ने रिकॉर्डब्रेक कमाई की थी। 

यह भी आप सब जानते होंगे की किसी भी भारतीय क्रिकेटर को बाहर की लीग खेलने की इजाजत नहीं दी जाती क्युकी अगर भारत के बड़े खिलाड़ी बाहर जाकर खेलने लगे तो भारतीय दर्शक वो मेचीस भी देखने लगेंगे। जिससे आखिरकार BCCI को नुकसान होगा। इसी लिए BCCI सभी खिलाड़ियों से अग्रीमेंट साइन करवाती है की जब तक वे खिलाड़ी रिटायर नहीं हो जाता तब तक वो बाहर की लीग नहीं खेल सकता। क्युकी BCCI भी जानती है की चाहे कितना भी बड़ा खिलाड़ी क्यूँ न हो रिटायर होने के बाद उसे दर्शक नहीं देखेंगे। BCCI आज के समय मे जो ये विश्व क्रिकेट का इतना बड़ा माफिया बना है ये सिर्फ भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम की वजह से, अगर भारतीय महिला क्रिकेट टीम भी उस स्तर पर पहुच गई तो BCCI को कोई नहीं रोक पाएगा। इसी वजह से BCCI महिला टीम मे भी काफी मेहनत कर रहा है। 

BCCI हमेशा से इतना अमीर नहीं रहा। एक समय ऐसा भी था जब BCCI को मैच दिखाने के लिए दूरदर्शन को सामने से 5 लाख देने पड़ते थे। सिर्फ टिकटों के जरिए ही BCCI की कमाई होती थी। भारत मे क्रिकेट जब लोकप्रिय होने लगा तो वही दूरदर्शन जो की मैच दिखाने के 5 लाख BCCI से लेता था, साल 2000 मे Rs.240 करोड़ दिए BCCI को मेचीस दिखाने के लिए। भारत ने भले ही साल 1983 मे विश्वकप जीत लिया हो लेकिन BCCI की कमाई काफी समय बाद जाकर शुरू हुई।  

BCCI की इतनी कमाई से देश को कई तरह से फायदा होता है, जैसे की भारत की इकोनोमी को एक रफ्तार मिलती है, IPL और अंतरराष्ट्रीय टीमों के साथ घर पर शृंखला होती है तब विदेशी खिलाड़ी भारत आते है तो भारत की होटेल्स, रेस्टोरंट, भारतीय टूरिसम, भारतीय कल्चर जैसे क्षेत्रों मे अच्छी ग्रोथ देखने को मिलती है। BCCI कर के रूप मे एक बहुत बड़ी रकम सरकार को चुकाता है। इस तरह BCCI आज विश्व क्रिकेट मे मानो एक गुरु है। उम्मीद है आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगी होगी। ऐसी ही और जानकारी के लिए जुड़े रहिए Cricstay के साथ।