Umpires Call | Why is it Criticize? 

Umpires Call:

“अंपायर कॉल” का नियम 2016 में क्रिकेट के DRS (Decision Review System) के अंतर्गत लागू किया गया था। इस नियम को लाने का मुख्य उद्देश्य मैदान पर अंपायर के निर्णय का सम्मान बनाए रखना था, जबकि साथ ही तकनीकी सहायता से निर्णयों की सटीकता भी बढ़ाई जा सके। 

क्रिकेट में “अंपायर कॉल” एक नियम है जो DRS (Decision Review System) के तहत आता है। इसका उपयोग तब होता है जब गेंदबाज़ या बल्लेबाज़ अंपायर के निर्णय की समीक्षा करने के लिए अपील करते हैं। अंपायर कॉल का मतलब है कि अगर अंपायर ने पहले से कोई निर्णय दिया है, और DRS की समीक्षा में वह निर्णय “क्लोज़” यानी बहुत मामूली अंतर से सही है, तो अंपायर के निर्णय को बरकरार रखा जाता है। 

नियम की शुरुआत का कारण 

जब DRS प्रणाली का इस्तेमाल किया गया तो इसका मकसद गलत निर्णयों को सुधारना था, लेकिन तकनीकी सीमाओं के कारण ऐसा करना हमेशा संभव नहीं था। उदाहरण के लिए, बॉल ट्रैकिंग तकनीक में छोटी-छोटी अनिश्चितताएं थीं, जैसे कि बॉल का स्टंप्स को “मामूली” छूना। इन मामूली अंतर वाली स्थितियों में सटीकता बनाए रखना मुश्किल होता था। 

कैसे काम करता है 

इसलिए ICC ने फैसला किया कि ऐसी “क्लोज़ कॉल्स” में अंपायर के मूल निर्णय को बरकरार रखा जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि अगर अंपायर ने बल्लेबाज को आउट दिया है और DRS में दिखता है कि बॉल मामूली तौर पर स्टंप्स को छू रही है, तो आउट का निर्णय ही रहेगा। इसी प्रकार अगर अंपायर ने नॉट-आउट दिया है, और बॉल मामूली अंतर से स्टंप्स को छू रही है, तो नॉट-आउट का निर्णय ही रहेगा। 

उदाहरण:

अगर अंपायर ने बल्लेबाज को नॉट-आउट दिया है और बॉल ट्रैकिंग से दिखता है कि गेंद स्टंप्स को “मामूली तौर पर” छू रही है, तो अंपायर का निर्णय सही माना जाएगा। इसी तरह अगर अंपायर ने आउट दिया है और DRS में बॉल ट्रैकिंग से दिखता है कि गेंद “मामूली” अंतर से स्टंप्स को छू रही है, तो बल्लेबाज को आउट ही माना जाएगा। 

अंपायर कॉल का इस्तेमाल मुख्य रूप से LBW (लेग बिफोर विकेट) के निर्णयों में किया जाता है ताकि मैदान पर मौजूद अंपायर का निर्णय सम्मानित रहे। 

क्रिकेट में “अंपायर कॉल” से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं: 

  1. DRS (Decision Review System) का हिस्सा: अंपायर कॉल नियम DRS प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उपयोग अंपायर के निर्णय की समीक्षा के दौरान किया जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से LBW (लेग बिफोर विकेट) निर्णयों में किया जाता है। 
  1. अंपायर के मूल निर्णय को प्राथमिकता: अंपायर कॉल का मुख्य सिद्धांत यह है कि अगर DRS में बॉल ट्रैकिंग से फैसला बहुत मामूली अंतर से बदल सकता है, तो अंपायर के प्रारंभिक निर्णय को ही मान्यता दी जाएगी। इस नियम के तहत, अंपायर के निर्णय को तकनीकी सहायता के बावजूद सम्मानित किया जाता है। 
  1. 50% से अधिक स्टंप्स पर हिट आवश्यक: अंपायर कॉल के अनुसार, अगर बॉल ट्रैकिंग यह दिखाती है कि गेंद 50% से कम हिस्से से स्टंप्स को हिट कर रही है, तो इसे आउट नहीं माना जाता, भले ही अंपायर का मूल निर्णय कुछ भी हो। लेकिन अगर गेंद 50% से ज्यादा हिस्से से स्टंप्स को हिट कर रही है, तो अंपायर का फैसला पलट सकता है। 
  1. DRS की समीक्षा बची रहती है: अगर अंपायर कॉल के कारण टीम का रिव्यू असफल होता है (अंपायर का फैसला बरकरार रहता है), तो उस टीम का रिव्यू समाप्त नहीं होता। इससे टीमों को किसी अनिश्चित स्थिति में नुकसान से बचने का मौका मिलता है। 
  1. अंपायर कॉल का विवाद: अंपायर कॉल के कारण कई बार विवाद भी होते हैं, क्योंकि लोग इसे “स्पष्ट” नहीं मानते। कई प्रशंसकों और खिलाड़ियों का मानना है कि जब तकनीक उपलब्ध है, तो सभी निर्णय तकनीकी आधार पर ही लिए जाने चाहिए, बजाय इसके कि अंपायर के निर्णय को मुख्य आधार बनाया जाए। 
  1. खेल में संतुलन बनाए रखना: अंपायर कॉल खेल में एक संतुलन बनाए रखता है, जिससे तकनीक और अंपायर के निर्णय दोनों का सम्मान होता है। इसका उद्देश्य है कि केवल स्पष्ट त्रुटियों को ही सुधारा जाए और मामूली अंतर वाली स्थिति में अंपायर के निर्णय को मान्यता दी जाए। 

इन तथ्यों से स्पष्ट होता है कि अंपायर कॉल का नियम क्रिकेट में खेल की निष्पक्षता और संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

Umprie's Call explained
Image: ESPN CricInfo

अंपायर कॉल का नियम आने के बाद से कई विवाद भी हुए, क्योंकि इससे खेल में निर्णयों की स्पष्टता पर सवाल उठे। क्रिकेट में “अंपायर कॉल” के नियम की कई बार आलोचना होती है क्योंकि यह खेल को समझने और निर्णय लेने में जटिलता बढ़ा देता है। आलोचना के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं: 

  1. अनिश्चितता: अंपायर कॉल के कारण दर्शकों और खिलाड़ियों को स्पष्टता नहीं मिलती। DRS तकनीक का उपयोग करने के बावजूद, निर्णय का आधार अंपायर की प्राथमिक कॉल होती है, जिससे लोगों को लगता है कि तकनीक के बावजूद निष्कर्ष स्पष्ट नहीं है। 
  1. एक समानता की कमी: गेंद स्टंप्स को छू रही हो या नहीं, इस पर निर्णय अंपायर के मूल निर्णय पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, एक ही स्थिति में अगर अंपायर ने नॉट-आउट दिया है, तो बल्लेबाज नॉट-आउट रहेगा, लेकिन अगर आउट दिया है, तो बल्लेबाज आउट रहेगा। इस असमानता के कारण इसे “एक जैसा न्याय” नहीं माना जाता। 
  1. DRS का सीमित लाभ: DRS प्रणाली का उद्देश्य सही और निष्पक्ष निर्णय लेना है। लेकिन अंपायर कॉल के कारण यह हमेशा मुमकिन नहीं हो पाता, जिससे DRS की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। 
  1. अंपायर पर निर्भरता: अंपायर कॉल के नियम से यह लगता है कि खेल की तकनीकी प्रगति के बावजूद अंपायर के निर्णय को सर्वोपरि माना जा रहा है। ऐसे में, कई लोग तर्क देते हैं कि जब तकनीक उपलब्ध है, तो अंपायर के निर्णय के बजाए तकनीकी निर्णय को प्राथमिकता देनी चाहिए। 

इस आलोचना के चलते कई प्रशंसक और खिलाड़ी चाहते हैं कि अंपायर कॉल के नियम में सुधार किया जाए या इसे पूरी तरह से हटा दिया जाए ताकि खेल में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा दिया जा सके। 

क्रिकेट में “अंपायर कॉल” के नियम के कुछ मुख्य फायदे हैं, जो खेल में संतुलन और निष्पक्षता बनाए रखने में मदद करते हैं। ये फायदे निम्नलिखित हैं: 

  1. मैदान पर अंपायर का सम्मान बनाए रखना: अंपायर कॉल का नियम यह सुनिश्चित करता है कि DRS के इस्तेमाल के बावजूद अंपायर का प्राथमिक निर्णय महत्वपूर्ण रहेगा। इससे अंपायर के फैसले का सम्मान बना रहता है और उनकी भूमिका को उचित सम्मान मिलता है।
  1. अनिश्चितता को सीमित करना: बॉल ट्रैकिंग तकनीक में कई बार गेंद का अनुमान लगाना मुश्किल होता है, खासकर जब गेंद स्टंप्स के बहुत करीब से गुजरती है। अंपायर कॉल का नियम ऐसी “क्लोज़ कॉल्स” में अंपायर के निर्णय को प्राथमिकता देकर अनिश्चितता को सीमित करता है। 
  1. टेक्नोलॉजी और मानवीय निर्णय का संतुलन: अंपायर कॉल नियम से खेल में तकनीकी सहायता और मानवीय निर्णय का संतुलन बना रहता है। यह सुनिश्चित करता है कि खेल में टेक्नोलॉजी का उपयोग हो, लेकिन पूरी तरह उस पर निर्भर न हुआ जाए। 
  1. DRS की प्रभावशीलता को बढ़ाना: अगर हर छोटे अंतर पर निर्णय बदल दिया जाए तो DRS का उपयोग जटिल हो सकता है। अंपायर कॉल के नियम से DRS का इस्तेमाल केवल स्पष्ट गलतियों के सुधार के लिए किया जा सकता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता बढ़ती है। 
  1. समय और खेल की गति बनाए रखना: अंपायर कॉल नियम से खेल के समय को भी नियंत्रण में रखा जाता है। बार-बार समीक्षा के बजाय केवल स्पष्ट त्रुटियों पर निर्णय बदला जाता है, जिससे खेल की गति बनी रहती है। 

इस प्रकार, अंपायर कॉल का नियम खेल में तकनीक और अंपायर के अनुभव के बीच संतुलन बनाकर निर्णय प्रक्रिया को बेहतर बनाने में सहायक है। 

क्रिकेट के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने “अंपायर कॉल” पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, और इसमें से कई ने इस नियम की आलोचना की है। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख क्रिकेट लीजेंड्स के विचार: 

  1. सचिन तेंदुलकर: सचिन तेंदुलकर ने अंपायर कॉल की आलोचना की है और उनका मानना है कि जब DRS में तकनीक का उपयोग हो रहा है, तो निर्णय तकनीकी परिणाम पर आधारित होना चाहिए, न कि अंपायर के मूल फैसले पर। सचिन के अनुसार, अगर बॉल स्टंप्स को छू रही है, तो बल्लेबाज को आउट माना जाना चाहिए, चाहे अंपायर का प्रारंभिक फैसला कुछ भी हो। 
  1. विराट कोहली: विराट कोहली ने भी अंपायर कॉल के नियम पर सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार, यह नियम दर्शकों और खिलाड़ियों दोनों के लिए भ्रमित करने वाला है। कोहली का मानना है कि अगर तकनीक के आधार पर निर्णय लिया जा सकता है, तो अंपायर कॉल की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। 
  1. गौतम गंभीर: गौतम गंभीर ने अंपायर कॉल को पूरी तरह से हटाने की सलाह दी है। उनके अनुसार, अंपायर कॉल का नियम खेल में एकरूपता को बाधित करता है और इसे निष्पक्षता से जोड़ा नहीं जा सकता। गंभीर ने कहा है कि DRS का उपयोग करके किसी भी निर्णय को स्पष्ट रूप से लिया जाना चाहिए। 
  1. रिकी पोंटिंग: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी अंपायर कॉल पर असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अंपायर कॉल का नियम क्रिकेट प्रशंसकों और खिलाड़ियों के लिए समझने में मुश्किल बनाता है। पोंटिंग का मानना है कि अगर DRS में गेंद स्टंप्स से टकरा रही है, तो उसे आउट माना जाना चाहिए, भले ही अंपायर का प्रारंभिक फैसला कुछ भी हो। 
  1. शेन वॉर्न: दिवंगत स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न ने भी अंपायर कॉल पर कड़ी आलोचना की थी। उनके अनुसार, यह नियम पारदर्शिता को कम करता है और निर्णय लेने में अनावश्यक जटिलता पैदा करता है। उन्होंने इसे बदलने की वकालत की ताकि खेल को अधिक निष्पक्ष और सरल बनाया जा सके। 

इन दिग्गजों का मानना है कि अंपायर कॉल का नियम क्रिकेट में स्पष्टता और पारदर्शिता की कमी लाता है। कई खिलाड़ियों का यह मानना है कि DRS का उपयोग करते समय सभी निर्णय तकनीक के आधार पर लिए जाने चाहिए, ताकि खेल में निष्पक्षता और सटीकता बनी रहे। 

उम्मीद है हमारे द्वारा प्रकाशित की गई Umpire’s Call की इस विस्तृत जानकारी से आपके क्रिकेट के ज्ञान मे बढ़ोतरी होगी। ऐसी ही दिलचस्प और बुनियादी जानकारी के लिए जुड़े रहिए Cricstay के साथ। धन्यवाद।  

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